Adult Education – प्रौढ़ शिक्षा पर निबंध
Adult Education – प्रौढ़ शिक्षा
हमारे देश में Adult Education यानी प्रौढ़ शिक्षा की शुरुआत करने का ख्याल उन लोगों को देखकर आया जो किसी वजह से अपनी शिक्षा बचपन में पूरी नहीं कर पाए। इसी को ध्यान में रख कर प्रौढ़ शिक्षा को प्रोत्साहन देने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला को लागू किया गया। हमारे देश में Adult Education यानी प्रौढ़ शिक्षा ने उन सभी लोगों के सपने को साकार किया जो अपनी शिक्षा सही उम्र में पूरी नहीं कर पाए थे। इस योजना के तहत दोनों बुनियादी शिक्षा एवं पेशेवर शिक्षा दी जाती है।
Adult Education Essay in Hindi | प्रौढ़ शिक्षा पर निबंध
Introduction – प्रस्तावना
हमारा देश आज बहुत प्रगतिशील हो गया है, और इस प्रगतिशील देश में अशिक्षित रह कर समाज में लोगों के साथ चलना मुमकिन नहीं है। हमारे देश में जिस तेज गति से सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है, ठीक उसी प्रकार वयस्कों के विकास के लिए हमारी सरकार द्वारा बहुत सी योजनायें चलाई गईं हैं। जिसके द्वारा अशिक्षित लोगों को शिक्षित किया जा सके। इसके अलावा वयस्कों के लिए हमारी सरकार ने गांवों और शहरों में सभी जगह पर प्रौढ़ शिक्षा केंद्र बनायें हैं, ताकि जो व्यक्ति बचपन में पढ़ाई नही कर सके वह इन प्रौढ़ शिक्षा केंद्रों में नकार पढ़ाई करले, और शिक्षा के महत्व को समझे।
वयस्क शिक्षा विकास के लिए सरकार बहुत से योजनायें चलाई गई है। ऐसे बहुत से तकनिकी उपकरण और संचार संसाधन वयस्कों सामने आये, जिससे अशिक्षित व्यक्ति भी इन सभी के माध्यम से सभी प्रकार की अच्छी और बुरी जानकारी इन इन साधन और उपकरणों के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। इसके मध्यम से अपने आप को शिक्षित बनाकर अपनी ज़िन्दगी जीने लायक़ बना सकता है।
Beginning of Adult Education – प्रौढ़ शिक्षा की शुरुआत
प्रौढ़ शिक्षा की शुरुआत 2 अक्टूबर 1978 को हुई थी। इस शिक्षा के अंतर्गत् 15 से 40 साल तक के वयस्कों को शिक्षित किया जाने लगा है। देश में वयस्कों के लिए प्रौढ़ का मुख्य उद्देश्य अनपढ़ लोगों को शिक्षित करना था ताकि देश और समाज के साथ वह लोग कदम से कदम चल सके। इसकी स्थापना 1956 में हमारी सरकार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय मौलिक शिक्षा केंद्र द्वारा की गई थी। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण परिषद्से प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय को अलग बना दिया गया। देश में अशिक्षा की बढती हुई समस्या को देखते हुए सरकार के द्वारा प्रौढ़ शिक्षण संस्थान स्थापित किये गये। इन संस्थानों में वयस्क व्यक्तियों को उनके व्यक्तित्व की कौशल पढ़ाई की शिक्षा दी जाने लगी।
There is no Age for learning – पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है
अक्सर लोग कहतें हैं ना की, किसी भी चीज को सीखने और समझने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती है। ठीक उसी प्रकार से पढ़ाई भी हमारी ज़िन्दगी में बहुत ज़रूरी है। प्रौढ़ शिक्षा एक ऐसी पढ़ाई है, जिसमें व्यक्ति समाज के नये-नये कौशल, शिक्षा तथा व्यक्तित्व के विकास के बारे में सही और अच्छी जानकारी प्राप्त करता है। सभी प्रौढ़ व्यक्ति अपने बेहतर और अच्छे भविष्य के लिए नये-नये कला कौशलों के बारे में अनुभव प्रप्त करके उनका सही उपयोग कर सकें। अपने बचपन में जिन वयस्कों को कभी स्कूल जाने का मौका नहीं मिला, उसके लिए सरकार द्वारा बनाये प्रौढ़ शिक्षा केंद्र में जाकर शिक्षा प्राप्त करते हैं, और शिक्षा का सही महत्व समझते हैं।
True Purpose of Adult Education for Adults – वयस्क व्यक्तियों के लिए प्रौढ़ शिक्षा का सही उद्देश्य
हमारे देश में कम पढ़े-लिखे या अनपढ़ वयस्क व्यक्तियों को अक्षर का ज्ञान देना, उन्हें साक्षर बनाकर उन सभी व्यक्तियों को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाना प्रौढ़ शिक्षा का सही उद्देश्य था। प्रौढ़ शिक्षा को दो वर्गों में वर्गों में विभाजित किया गया था:-
- पहला जो बिलकुल्ल अनपढ़ थे, जिनको कुछ भी नहीं आता था।
- दूसरा वह व्यक्ति जिनको थोड़ा बहुत अक्षर का ज्ञान हुआ करता था।
इन दोनों प्रकार के व्यक्तियों को शिक्षा के महत्व को समझाना प्रौढ़ शिक्षा का उद्देश्य था। उन सभी वयस्क लोगों को उनके फ़र्ज और उनके अधिकारों के बारे में सही जानकारी देना प्रौढ़ शिक्षा का उद्देश्य था। अपने ज्ञान को दूसरे लोगों तक पहुँचाना और शिक्षा के महत्व के साथ-साथ ज़िन्दगी जीने के ठंग को समझना। व्यक्ति सही तरीक़े से समय के साथ चल कर अपना जीवन-यापन अच्छे से कर ले यही प्रौढ़ शिक्षा का सही और मुख्य उद्देश्य था और है।
Benefits of Adults through Adult Education – प्रौढ़ शिक्षा के द्वारा वयस्क व्यक्तियों के फायदे
प्रौढ़ शिक्षा के द्वारा सभी उम्र के वयस्क लोगों को शिक्षित होने के बहुत फायदे मिलते हैं:-
- प्रौढ़ शिक्षा ने सभी वयस्कों को यह सिखाया है कि पढ़नें और सीखने के लिए कोई उम्र नहीं होती है। सभी चीज़ों के बारे में जानने का इंसानों का हक़ है।
- हमारे ज़िन्दगी में प्रौढ़ शिक्षा का बहुत अधिक महत्व है, क्योंकि जब हम शिक्षित होंगे तो अच्छी तो अच्छी नौकरी प्राप्त कर सकेंगे और हम अपनी ज़िन्दगी सही ढंग से जी पाएंगे।
- किसी भी देश को विकसित करने तथा उसको मजबूत बनाने के लिए प्रौढ़ शिक्षा का क़दम उठाया गया है। इसके द्वारा लोग अपने साथ-साथ देश हित के लिए भी सोंच सकेंगे।
- जो अशिक्षित व्यक्ति होता है अपराध की दुनिया की तरफ़ और शिक्षित व्यक्ति अपने अच्छे बुरे को सही ढंग से सोंच पाता है। अर्थात प्रौढ़ शिक्षा के द्वारा व्यक्ति का सोचने-समझने का तरीका ही बदल जाता है।
- जो लोग बचपन में अपनी पढ़ाई करने से वंचित रह गये, उन सभी वयस्क लोगों को प्रौढ़ शिक्षा के माध्यम से शिक्षित और जागरूक करना था।
- अपने आस-पास की हो रही घटनाओं के बारे में व्यक्ति को प्रौढ़ शिक्षा से सही जानकारी प्राप्त हो जाती है। समाज में उनका रहन-सहन और क़दम से क़दम मिलाकर चलने का तरीक़ा आ जाता है।
Conclusion (निष्कर्ष)
यह बहुत ही प्रसन्नता का विषय रहा है कि हमारे देश के प्रत्येक गाँव, शहर और कस्बे आदि सभी में प्रौढ़ शिक्षा के महत्व को समझाया जाने लगा। प्रौढ़ शिक्षा के लिए हमारी सरकार ने नई समितियों का भी गठन किया है। अब ऐसा लगने लगा है कि वह दिन दूर नही जब हमारे देश में निरक्षरता को बिलकुल्ल ख़त्म कर दिया जाएगा। सभी लोग साक्षर हो जाएँगे और तभी हमारा देश दुनिया के सभी प्रगतिशील और विकासशील देशों के साथ क़दम से क़दम मिलाकर आगे चलने के लिए तैयार हो जाएगा।
Last word (आख़िरी शब्द)
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