निबंध लेखन

शिक्षा का अधिकार | Right To Education

शिक्षा का अधिकार पर निबंध | Essay on Right to Education

इस निबंध में आज हम शिक्षा के अधिकारों के बारे में बताने जा रहे हैं। कहा जाता है कि “शिक्षा ही समझदारी का आधार है”। हम जितनी ज्यादा शिक्षा प्राप्त करेंगे, उतने ही तरह की चीजों पर हमारे पास ध्यान होगा। ताकि हम उसके बारे में कुछ कह सकें और अपने विचार रख सकें। जिससे हमारी समझदारी चार लोगों के सामने दिखेगी। शिक्षा का अधिकार हर किसी को है लेकिन इस संबंध में निबंध या कोई लेख लिखते समय हमारे मन में सबसे पहला सवाल यह उठता है कि क्या भारत में ‘शिक्षा का अधिकार’ (Right to Education) नहीं है?

शिक्षा का अधिकार पर निबंध (250 वर्ड)

Introduction

हम आपको बता दें कि भारत में हर किसी को शिक्षा का अधिकार है।  हमारे स्वतंत्रता सेनानी ने जिस तरह के संविधान का निर्माण किया है उस संविधान के अनुसार शिक्षा एक व्यक्ति के लिए उसका मूल अधिकार है। अर्थात हमारे लिए जितना जरूरी सांस लेना है उतना ही जरूरी शिक्षा भी है। मगर बीते कुछ सालों में भारत ने बहुत सारे विदेशी आक्रमण और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए हुए लोगों के जुल्मों को सहा है, जिस वजह से यहां के लोग इतने गरीब हो गए है कि काम करने की आड़ में पढ़ाई को पीछे छोड़ने का तरीका शुरू कर दिया है।

सरकार इस बात को समझती है कि लोग गरीबी की वजह से शिक्षा को अपना नहीं पा रहे मगर शिक्षा को छोड़ देना इसका समाधान नहीं है क्योंकि एक शिक्षित व्यक्ति ही आने वाले भविष्य का सही निर्माण कर सकता है। इस वजह से शिक्षा का अधिकार देने के लिए RTE ACT बनाया गया इस कानून के अनुसार भारत में जन्मे हर बच्चे को कम से कम 14 वर्ष तक पढ़ने की अनुमति दी गई है। सरकारी स्कूलों को इस तरह के बच्चों के लिए पूरी तरह से मुक्त कर दिया गया है ताकि बच्चे अधिक से अधिक पढ़ाई कर सकें और अगर वह गरीब है और शिक्षा को उच्च स्तर पर अपना नहीं सकते तो कम से कम न्यूनतम 14 वर्ष तक उन्हें पढ़ने दिया जाए ताकि वे शिक्षा के महत्व को समझ पाएं और अपने जीवन में शिष्टाचार बना पाए।

निष्कर्ष (Conclusion)

आपको बता दें कि कम उम्र में शिक्षा लेने से बच्चे समझ पाते है कि वह किस प्रकार अपने जीवन को पहले से निर्धारित एक नियमित जीवन में बदल सकते है और इस प्रकार व शिष्टाचार को पाते है। इस शिष्टाचार और समझदारी की वजह से ही वे अपने जीवन के विषम परिस्थिति में सही फैसला ले पाते है। शिक्षा ना केवल हमें नौकरी बल्कि हमें फैसले लेने की ताकत के साथ ही अपने जीवन को सही रूप देने का महत्वपूर्ण कार्य करती है।

शिक्षा का अधिकार पर निबंध (500 वर्ड)

Introduction

भारत में रहने वाले हर व्यक्ति का मूल अधिकार ‘शिक्षा’ है। हमारे स्वतंत्रता सेनानी जब भारतीय संविधान को बना रहे थे तो पूरे विश्व में घूमने के बाद उन्होंने लगभग सभी देशों के संविधान को पढ़ा और बहुत सोच विचार करने के बाद कुछ मूल अधिकारों को बनाया है। उनमें से ही एक मूल अधिकार ‘शिक्षा’ का भी है।

अर्थात शिक्षा वह हथियार है जो हमें अपनी बात कहने के बारे में सक्षम बनाती है। एक शिक्षित व्यक्ति जानता है कि वह अपने जीवन में किस प्रकार फैसले को ले या किसी विषम परिस्थिति में किस प्रकार अपनी बात सबके सामने रखें। हम यह कह सकते हैं कि शिक्षित व्यक्ति का जीवन एक अनपढ़ व्यक्ति के जीवन के मुकाबले आसान होता है। इस वजह से भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए शिक्षा उसका मूल अधिकार है जो उससे कोई नहीं छीन सकता है।

भारतीय इतिहास अगर हम शिक्षा को में देखें तो कई सालों पहले भारत को ‘विश्व गुरु’ की उपाधि दी गई थी। वह इस वजह से था क्योंकि गुरुकुल सिस्टम सबसे पहले भारत में शुरू हुआ था, जिसने दुनिया को पढ़ने लिखने के तरीके के बारे में बताया था। अगर हम इन ग्रंथों की बात को छोड़ कर आगे बढ़े तो तक्षशिला विश्वविद्यालय जिसके चाणक्य गुरु हुआ करते थे वह विश्व के सबसे पुराने विद्यालयों में से एक था।

साक्षरता दर (Literacy Rate)

भारत में आज शिक्षा पिछड़ चुकी है इसका कारण क्या है यह एक अलग तरह का विषय बन जाएगा क्योंकि इसमें बहुत सारे वाद विवाद हमारे सामने आएंगे। फिर भी एक सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि भारत में इस वक्त 60% लिटरेसी रेट है जिसका अर्थ है कि भारत में आपको हर 100 में से केवल 60 लोग ही पढ़े-लिखे मिलेंगे। यह संख्या विभिन्न राज्य के लिए विभिन्न हो सकती है जिस वजह से भारत में शिक्षा को लेकर कई सारे आंदोलन लड़े जाते हैं।

हालांकि सरकार शिक्षा के महत्व को समझती है और भारत में शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए नई नई योजनाएं बनाई जा रही है। अभी हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने एक नियम पारित किया था, जिसके अनुसार बच्चों को पढ़ाई जाने वाली प्रणाली में कुछ अहम बदलाव किए गए थे जिससे भारतीय एजुकेशन सिस्टम को एक बड़ा बदलाव देखने को मिला।

निष्कर्ष (Conclusion)

अगर हम शिक्षा के अधिकार की बात करें तो भारत में Right To Education के नाम से RTE Act को चलाया जाता है, जिसके अनुसार हर वह बच्चा जिसकी उम्र अभी 14 साल नहीं हुई है उसे पढ़ने की जरूरत है। भारतीय संविधान के अनुसार पढ़ाई लिखाई उतनी ही जरूरी है, जितना हमारे लिए खाना और सोना है। हम अपने रोजमर्रा के ज़िंदगी को सरल और भविष्य को निर्धारित बना सकते हैं अगर हम शिक्षित होंगे। आने वाली पीढ़ी अगर शिक्षित होगी तभी वह अपने भविष्य को सरल और सहज बना पाएगी जिससे राष्ट्र का भविष्य सुधरेगा।

शिक्षा का अधिकार पर निबंध (850 शब्द)

प्रस्तावना (Introduction)

शिक्षा का अधिकार से हमारा तात्पर्य सरकार द्वारा पारित किए गए एक नियम से है, जिसे Right to Education (RTE ACT) के नाम से जानते हैं। सरकार ने इस नियम के अनुसार भारत में जन्मे हर बच्चे को न्यूनतम 14 वर्ष की आयु तक पढ़ने की अनुमति दी है। इस नियम के अनुसार सरकार भारत के हर व्यक्ति को यह बताना चाहती है कि अगर किसी बच्चे की उम्र 14 वर्ष से कम है और आप उससे काम करवा रहे हैं तो आप बाल मजदूरी करवा रहे है जिसके लिए आपको कड़ी से कड़ी सजा हो सकती है।

यह बात भी गौर करने लायक है कि गरीबी के कारण बच्चों को काम करने के लिए आना पड़ता है। मगर हमारे देश की आबादी इतनी अधिक है कि इसे रातों-रात सुधारा नहीं जा सकता। लोगों को भी अपने बारे में सोचना होगा और समझदारी से काम करना होगा। सरकार दिन-रात इसके लिए काम कर रही है और गरीबी को हटाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं बना रही है। मगर लोगों को भी समझना होगा कि अगर वह सभी योजनाओं का आदेशानुसार पालन करेंगे और बच्चों के लिए शिक्षा को एक खास महत्व देंगे तो अपने आने वाले भविष्य को सही तरीके से निर्धारित कर पाएंगे।

शिक्षा का अधिकार ज़रूरी क्यों है? (Why is Right to Education Important?)

जिस देश को किसी जमाने में विश्व गुरु कहा जाता था, शिक्षा का अधिकार उस देश में लागू करना पड़ रहा है। यह अपने आप में एक शर्म की बात है। मगर इसका कारण भी है कि हमारा देश अपने बीते हुए इतिहास में कई विदेशी मुल्कों का आक्रमण झेला है। इस वजह से यहां के लोगों ने आए विभिन्न प्रकार के विदेशियों की गुलामी की, जिसने हमारे आने वाली पीढ़ियों की सोच को इस प्रकार बदला है कि उनके समक्ष ऐसी विषम परिस्थिति आ जाती है कि वह शिक्षा को अपना नहीं पाते।

इंसानी सभ्यता जिस रफ्तार से डिजिटल युग की तरफ बढ़ रही है वह इस बात को साबित कर रहा है कि अगर हम आने वाले जमाने में तकनीक को नहीं समझ पाएंगे तो हमारा जीवन काफी कठिन हो जाएगा। आने वाले भविष्य में शिक्षा ही हर व्यक्ति का मार्गदर्शन होने वाला है। किसी तकनीक को समझने के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस वजह से आने वाले भविष्य में अगर अपने जीवन को सरल और सहज बनाना है तो व्यक्ति को शिक्षा का साथ नहीं छोड़ना चाहिए।

शिक्षा का अधिकार से होने वाले लाभ (Benefits of “Right to Education”)

शिक्षा का अधिकार हर किसी को दिया गया है। अगर हम अपने जीवन में शिक्षित होंगे तो हमारे जीवन में हम विषम परिस्थिति में फैसले ले सकते है, शिष्टाचार दिखा सकते है, अनुशासन का पालन कर सकते है, नियम और कानून को समझ सकते है, जिससे ना केवल हमारा, बल्कि आने वाली पीढ़ी का भी उद्धार होगा।

कई लोगों को ऐसा लगता है कि बड़े-बड़े महापुरुष ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते। मगर फिर भी वह इस दुनिया में बड़ी ख्याति हासिल करते हैं हालांकि यह पूरी तरह से गलत है। जब आप उनके बारे में पड़ेंगे तब आप असली सच्चाई जान पाएंगे। कहने का तात्पर्य है कि शिक्षा का मतलब ज्ञान अर्जित करना होता है। इसका मतलब किसी खास तरह की पढ़ाई में फंसे रहना नहीं होता। किसी भी बच्चे को हम कुछ भी नहीं पढ़ा सकते इस वजह से क्लास में शिक्षा को बांटा गया।

‘शिक्षा का अधिकार’ का मतलब (Meaning of ‘Right to Education’)

10वीं और 12वीं को न्यूनतम शिक्षा मानी जाती है। अगर आप इतना ज्ञान अर्जित कर लेते हैं तब आपके अंदर पर्याप्त मात्रा में शिक्षा आ चुकी है अर्थात इतनी समझ आ चुकी है कि आप अपने लिए सही ज्ञान का यानी अच्छे-बुरे का चयन कर सके। इसके बाद आपको जीवन में क्या करना है या किस तरह का ज्ञान अर्जित करना है यह आपको स्वयं अपने मन से पूछना चाहिए।

अमेरिका के एक महान व्यक्ति जिन्हें हेनरी फोर्ड कहा जाता है आपने उनके बारे में सुना होगा उन्होंने शिक्षा की परिभाषा देते हुए कहा कि अगर व्यक्ति अपने आसपास मौजूद संसाधनों का इस प्रकार इस्तेमाल कर पाता है, जिससे वह दूसरों के अधिकार का हनन ना करते हुए अपने कार्य को पूरा कर लेता है तो उसे हम एक शिक्षित व्यक्ति कह सकते है।

शिक्षा का कभी भी तात्पर्य किसी खास डिग्री को या कला को सीखना नहीं होता। इसका तात्पर्य विभिन्न क्षेत्र में इतना ज्ञान अर्जित करना होता है कि आप उस क्षेत्र में सब तरह की बातचीत और उस क्षेत्र से जुड़े सभी तरह के प्रश्नों का समाधान ढूंढ सकें।

निष्कर्ष (Conclusion)

शिक्षा का अधिकार देने से सरकार यह तात्पर्य रखती है कि एक शिक्षित व्यक्ति अपने जीवन में आए परेशानियों का सही तरीके से समाधान ढूंढ सकता है। शिक्षा हमें बताती है कि हम किस प्रकार अपने जीवन में आए समस्याओं का समाधान ढूंढ रहे है। अगर हम आने वाली समस्याओं का सही तरीके से समाधान ढूंढ पाते हैं तो हम अपने जीवन को सहज और सरल बना पाएंगे। इस वजह से शिक्षा का अधिकार हर किसी को दिया जाता है ताकि एक देश का लगभग हर व्यक्ति इतना ज्ञान अर्जित कर ले कि वह अपने फैसले को इतनी समझदारी से ले ताकि उसके जीवन में आई समस्याएं कम हो सके।

आख़िरी शब्द (Last Word)

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Mohammad Shahnawaz

I am a part time blogger; I love blogging and share knowledge with others. I have Diploma in 'Post Graduate Diploma in Computer Application (PGDCA) and have 5 years teaching experience in this field. I am from Uttar Pradesh (India) and I am a Passionate blogger. Currently, I'm running 'shahnawazblog.com' blog. I have started this blog in Hindi to help every students to enhance your computer skills and to learn the fastest and easiest way to succeed in the field of computer as well as general knowledge, essay and letter writing etc.

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