निबंध लेखन

Essay on cow | गाय पर निबंध

गाय पर निबंध-Essay on cow:

प्रस्तावना (Introduction)

Essay on CowEssay  on Cow-भारत में हिन्दू शास्त्रों में गायों को माता का दर्जा किया गया है। गायों को पूजनीय माना जाता है। इसलिए तो भारतीय घरों में घर की पहली रोटी गौमाता को दी जाती है। प्राचीन काल में गावों में गायों की संख्या से संपन्नता का आकलन किया जाता था।

ऐसा कहा जाता है कि गायों की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। और स्वर्ग में स्थान मिला था। भारत के हिन्दू पुराणों में भी गायों की महिमा का वर्णन किया गया है। पुराणों में उल्लेख हैं कि माता कामधेनु सागर मंथन से प्रकट हुईं थी। कामधेनु को सुरभि की संज्ञा दी गयी। कामधेनु को ब्रह्म देव अपने लोक ले गये थे। और फिर लोक कल्याण के लिए ऋषि-मुनियों को सौंप दिया था।

गाय के प्रकार

गाय भिन्न-भिन्न रंग-रूप  और आकार की होती है। इनका कद छोटा और लम्बा दोनों होता है। इसकी पीठ चौड़ी होती है। जैसे हमारा देश विविध जलवायु लिए हुए है, उसी प्रकार पशु भी अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग किस्म के पाए जाते हैं।

(१) साहीवाल गाय

यह भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रजाति है। यह मुख्यतः उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, और पंजाब प्रान्त में पाई जाती है। यह दूध व्यवसायियों की मनपसंद, क्योंकि यह सालाना 2,000-3,000 लीटर तक दूध देती है। इसकी देखभाल अच्छी तरह की जाये तो कहीं भी रह सकती है।

(२) गिर

यह मूलतः भारत के गुजरात के गिर के जंगलों में पाई जाती है। इसी करण इसका नाम गिर पड़ा। यह भारत की सबसे दुधारू गाय है। यह सामान्यतः दिन के 50-80 लीटर दूध देती है। इसकी इस खासियत के करण विदेशों में भी इसकी भारी मांग रहती है। इजराइल और ब्राजील में इसे विशेषतः पाला जाता है।

(३) लाल सिन्धी

इसके लाल रंग के कारण ही इसका नाम लाल सिन्धी है। चूँकि सिंध प्रान्त इसका मूल स्थान है, लेकिन अब ये कर्नाटक, तमिलनाडु, में भी पाई जाने लगी हैं। यह भी सालाना 2000-3000 लीटर दूध देती हैं।

(४) राठी नस्ल, कांकरेज, थारपरकर

यह राजस्थान की जनि-मणि नस्ल है। इसका नाम राठस  जनजाति के नाम पर पड़ा है। यह हर दिन ६-७ लीटर दूध देती है। कांकरेज राजस्थान के बाड़मेर, सिराही और जालौर में अधिक मिलती है। वहीं थारपरकर जोधपुर, और जैसलमेर में अधिक दिखती है।

(५) दज्जल और धन्नी प्रजाति

यह तीनों प्रजातियाँ पंजाब में पाई जाती हैं। यह काफी फुर्तीली मानी जाती है। धन्नी प्रजाति ज्यादा दूध नहीं देती है। किन्तु दज्जल देती हैं।

(6) मेवाती, हासी-हिसार

यह हरियाणा की प्रमुख नस्लें हैं। मेवाती का उपयोग कृषि कार्य में ज्यादा किया जाता है। जबकि हासी-हिसार हरियाणा के हिसार क्षेत्र में मिलती हैं।

उपसंहार (निष्कर्ष)-Conclusion

गाय का भोजन बहुत ही साधारण होता हैं। यह शुद्ध शाकाहारी होती है। यह हरी घास, अनाज, चारा आदि चीजें खाती हैं। इसे कोई भी साधारण परिवार आराम से पाल सकता है। गायों को मैदानों की हरी घास चरना बहुत पसंद होता है। गाय के दूध से खाने की बहुत साडी चीजें बनती हैं। गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, छेना और मिठाइयाँ आदि बनायी जाती है। इसका दूध काफी सुपाच्य होता है। यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है, अनेक रोगों से लड़ने की शक्ति देता है।

Mohammad Shahnawaz

I am a part time blogger; I love blogging and share knowledge with others. I have Diploma in 'Post Graduate Diploma in Computer Application (PGDCA) and have 5 years teaching experience in this field. I am from Uttar Pradesh (India) and I am a Passionate blogger. Currently, I'm running 'shahnawazblog.com' blog. I have started this blog in Hindi to help every students to enhance your computer skills and to learn the fastest and easiest way to succeed in the field of computer as well as general knowledge, essay and letter writing etc.

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